Ravi Dutt Sharma (RDX).JPEG
जगत वंदु ज्योति स्वरूप जिय की जानन हार , हरी यश मांगन आयो दास प्रभु के द्वार !
जगत वंदु ज्योति स्वरूप जिय की जानन हार , हरी यश मांगन आयो दास प्रभु के द्वार !
श्री वेद व्यास जी के प्रिय शिष्य ने जो शिव पुराण का ज्ञान उन ऋषियों को दिया वो ज्ञान हे देव आप मुझे देने की कृपा करे शिव महिमा का ज्ञान जो श्रवन और उच्चारण करने तो परम पद को पते है! हे प्रभु मै आपकी शरण मै आये है ! रवि दत्त शर्मा और मै अति दिन गरीब है ! और आप परम परवीण आरत दुःख भंजन हो ! हे सदा शिव जी महाराज तेरे भक्तो के हेतु यह ज्ञान भाषा मै कहता हु ! आप सदा आपने दास पैर कृपा बनाये रखना !
बोलिए सदा शिव महाराज की जय , सचिदानंद भगवन सदा शिव की जय !हर हर महादेव की जय , पार्वती प्रिय की जय ! शिवपार्वती की जय.
बोलिए सदा शिव महाराज की जय , सचिदानंद भगवन सदा शिव की जय !हर हर महादेव की जय , पार्वती प्रिय की जय ! शिवपार्वती की जय.
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