12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर कई कारणों से अलग हैं। महाकाल के दर्शन से कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है। खासतौर पर महाकाल के दर्शन के बाद मृत्यु का भय दूर हो जाता है क्योंकि महाकाल को काल का अधिपति माना गया है।सभी देवताओं में भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनका पूजन लिंग रूप में भी किया जाता है। भारत में विभिन्न स्थानों पर भगवान शिव के प्रमुख 12 शिवलिंग स्थापित हैं। इनकी महिमा का वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों में लिखा है। इनकी महिमा को देखते हुए ही इन्हें ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। यूं तो इन सभी ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग महत्व है लेकिन इन सभी में उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष स्थान है। धर्म ग्रंथों के अनुसार-आकाशे तारकेलिंगम्, पाताले हाटकेश्वरम्मृत्युलोके च महाकालम्, त्रयलिंगम् नमोस्तुते।।यानी आकाश में तारक लिंग, पाताल में हाटकेश्वर लिंग और पृथ्वी पर महाकालेश्वर से बढ़कर अन्य कोई ज्योतिर्लिंग नहीं है। इसलिए महाकालेश्वर को पृथ्वी का अधिपति भी माना जाता है अर्थात वे ही संपूर्ण पृथ्वी के एकमात्र राजा हैं।
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