हथेली में यह स्थान ऊंचा होना ठीक नहीं, जानिए क्या होता है परिणाम

आपने देखा होगा कि बच्चा जब जन्म लेता है तो उसकी मु्ट्ठी बंद रहती है। कहते हैं इस बंद मुट्ठी में ब्रह्मा जी व्यक्ति का भाग्य लिखकर उसे धरती पर भेजते हैं।

अगर व्यक्ति अपनी कुंडली नहीं भी बनाए तो हथेली देखकर जीवन की हर छोटी बड़ी चीजें जान सकता है। ब्रह्मा जी ने समुद्रशास्त्र में कुमार कार्तिक को हस्तरेखा से जुड़ी कई राज की बातें बताई हैं। उनमें से एक राज यह भी है।

हथेली में तर्जनी ऊंगली के नीचे के स्थान को गुरु पर्वत कहते हैं। समुद्रशास्त्र के अनुसार यह स्थान व्यक्ति के जीवन में गुरु के प्रभाव को बताता है। गुरु धर्म, धन और व्यक्ति के चरित्र को भी दर्शता है।

गुरु पर्वत दबा हुआ होना व्यक्ति के जीवन में आर्थिक पक्ष की कमजोरी को दर्शाता है। लेकिन अधिक ऊंचा होना उससे भी बुड़ी स्थिति को बताता है।

समुद्रशास्त्र के अनुसार गुरु पर्वत का अधिक ऊंचा होना बताता है कि व्यक्ति जरुरत से अधिक खाने पीने का शौकीन होगा। तंबाकू और शराब पीने का शौक हो सकता है। इसके कारण इन्हें पेट संबंधी रोग और अपच की शिकायत हो सकती है।

ऐसा व्यक्ति धर्म कर्म के काम तो करता है लेकिन जरुरत से अधिक दिखावा भी करता है। इस पर्वत पर क्रास के चिन्ह या जाली होने पर भी व्यक्ति बहुत अधिक खाने पीने वाला होता है। जिनके गुरु पर्वत पर जाली या क्रास का चिन्ह होता है उन्हें भी धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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